सिर्फ 23 साल की उम्र में ही शहीद हो गया पालमपुर का ये वीर सूपत

अक्षय पालमपुर के पास कंडबाड़ी क्षेत्र के स्पैडू के रहने वाले थे। वह सिर्फ 23 साल के थे। पिछले चार सालों से अक्षय सेना में थे। अक्षय ने शुरू से ही भारतीय सेना में जाने का मन बना लिया था। सेना में जाना उनका बचपन का ख़्वाब था।

पालमपुर

शहीद अक्षय कुमार

हिमाचल प्रदेश के पालमपुर को वीरभूमि भी कहा जाता है। पालमपुर की मिट्टी ने न जाने कितने ऐसे वीरों को जन्म दिया है, जो देश के लिए हंसते हुए क़ुर्बान हो गए। इसी मिट्टी में जन्म लेने वाले अक्षय कुमार मध्यप्रदेश के महू में फायरिंग रेंज में युद्ध अभ्यास के दौरान हुई घटना में शहीद हो गए।

अक्षय पालमपुर के पास कंडबाड़ी क्षेत्र के स्पैडू के रहने वाले थे। वह सिर्फ 23 साल के थे। अक्षय चार साल पहले ही सेना में शामिल हुए थे। उन्होंने शुरू से ही भारतीय सेना में जाने का मन बना लिया था। सेना में जाना उनका बचपन का ख़्वाब था।

यही नहीं, अक्षय ने अपने बाद अपने छोटे भाई को भी सेना में शामिल होने के लिए गाइड किया। वे शुरुआत से ही पढ़ने लिखने में बहुत अच्छे थे। उनका नाम स्कूल के मेधावी छात्रों में आता था। सेना में शामिल होने के बाद भी इन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी थी।

यह भी पढ़ें: घर वाले निकाह के लिए लड़की ढूंढ रहे थे लेकिन इशरार ने शहादत को कर लिया कबूल

सेना में रहकर, नौकरी के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखा। अक्षय का परिवार शुरू में बेहद आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। लेकिन जब से दोनों भाई सेना में गए, तब से परिवार की आर्थिक तंगी कुछ कम हुई थी। पर आज अचानक अक्षय के चले जाने से परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।

एक हंसता मुस्कुराता परिवार आज ग़म में डूब गया है। शहादत की खबर सुन कर परिवार वालों के आंसू नहीं थम रहे हैं। घर पर सांत्वना देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है। परिवार को अपने बेटे पर फख्र है, लेकिन साथ ही बेटे के चले जाने का दुःख भी बहुत है।

यह भी पढ़ें: 24 घंटे के भीतर छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का दूसरा हमला, एक जवान शहीद

 

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें