कुशल पायलट के साथ-साथ एक बेहतरीन वक्ता भी हैं अभिनंदन

विंग कमांडर अभिमन्यु नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से ग्रेजुएट हैं। भारतीय वायुसेना में इनका चयन साल 2004 में एक फाइटर पायलट के तौर पर हुआ था। अभिमन्यु की एयरफोर्स की ट्रेनिंग भटिंडा और हलवारा में हुई है। इन्होंने अपने पंद्रह साल के कैरियर में दो बार प्रोमोशन पाया है। 

Abhinandan

wing commander abhinandan

भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन (Abhinandan) की कल रात भव्य तरीके से अपने वतन भारत में वापसी हुई। पूरा देश शुक्रवार को दिन भर अपने हीरो की वापसी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। बाघा बॉर्डर पे हज़ारों की संख्या में लोग भारत के इस वीर सपूत की एक झलक पाने को बेताब थे।

खदेड़ रहे थे पाकिस्तानी विमान: बता दें विंग कमांडर अभिनंदन (Abhinandan) 27 फरवरी को पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को सीमापार खदेड़ रहे थे, उसी वक्त अचानक हादसा हो गया था और अभिनंदन पाकिस्तानी सेना की चंगुल में आ गए थे। विंग कमांडर पचास घंटे पाकिस्तान की क़ैद में थे। भारत की तरफ से कूटनीतिक प्रयासों के चलते इन्हें पाकिस्तानी सरकार ने तत्काल रिहा कर दिया।

तिरुवन्नामलाई में हुआ था जन्म: विंग कमांडर अभिनंदन का जन्म 21 जून, 1983 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के जनपद तिरुवन्नामलाई में हुई। इनका परिवार यहीं रहता है। अभिनंदन (Abhinandan) के पिता सिम्हाकुट्टी वर्धमान एक सेवानिवृत्त एयर मार्शल हैं। सिम्हाकुट्टी वर्धमान पूर्वी वायु कमान के मुखिया पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

दादा भी थे भारतीय वायुसेना में: अभिनंदन की मां एक डॉक्टर हैं। अभिनंदन के दादा भी भारतीय वायुसेना में थे। इनकी पत्नी भी भारतीय वायुसेना में स्क्वॉड्रन लीडर रह चुकी हैं। इनके भाई भी एयरफोर्स को सेवाएं दे रहे हैं।

पिता रह चुके हैं वायुसेना पर बनी फिल्म के सहाहकार: अभिनंदन के पिता एयर मार्शल सिम्हाकुट्टी वर्धमान, मणिरत्नम की फिल्म कात्रु वेलियिदाई  में सलाहकार थे। यह फिल्म कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के स्वाक्ड्रन लीडर वरुण चक्रपाणी पर आधारित है। जिन्हें पाकिस्तानी सेना पकड़ लेती है और वरुण को युद्ध कैदी के तौर पर रखा जाता है और यातनाएं दी जाती हैं।

 
NDA से हैं ग्रेजुएट: विंग कमांडर अभिनंदन नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से ग्रेजुएट हैं। भारतीय वायुसेना में इनका चयन साल 2004 में एक फाइटर पायलट के तौर पर हुआ था। अभिनंदन की एयरफोर्स की ट्रेनिंग भटिंडा और हलवारा में हुई है। इन्होंने अपने पंद्रह साल के कैरियर में दो बार प्रोमोशन पाया है।
युद्ध कौशल को देखते हुए मिला प्रमोशन: इनकी युद्ध कौशल को देखते हुए विंग कमांडर के तौर पर इनको प्रमोट किया गया। अभिनंदन वर्तमान में मिग-21 बिसन विमानों की स्क्वाड्रन का नेतृत्व कर रहे हैं। इन्हें सुखोई-30 लड़ाकू विमान उड़ाने का भी लंबा अनुभव रहा है।
एक बेहतरीन वक्ता भी हैं अभिनंदन: अभिनंदन पढ़ने लिखने को लेकर शुरूआत से ही संजीदा रहे हैं। साथ ही ये भी पता चला कि वे एक बेहतरीन वक्ता भी हैं। भारतीय वायुसेना के आंतरिक कार्यक्रमों में अभिनंदन को अक्सर बोलने के लिए कहा जाता है। अभिनंदन को साल 2011 में एक टीवी चैनल ने भारतीय वायुसेना पर बनी एक डॉक्यूटमेंट्री में भी दिखाया गया था।

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