पिछले कुछ दिनों में भारत और नेपाल के रिश्तों पर काफी चर्चा हुई है। चर्चा का केंद्रीय बिंदु रहा दोनों देशों के बीच का पुराना सीमा विवाद और इस विवाद में नेपाल की स्थिति को लेकर वहां की सरकार का अचानक आक्रामक हो जाना।
India-Nepal Border Tension : कब थमेगा भारत-नेपाल का सीमा विवाद? कब हुई थी इसकी शुरुआत? कहीं इसके पीछे चीन की कोई चाल तो नहीं? सुनिए नेपाल में एम्बेसडर रह चुके पूर्व राजनयिक राकेश सूद के साथ संजीव श्रीवास्तव की बातचीत….
पिछले कुछ दिनों में भारत और नेपाल के रिश्तों पर काफी चर्चा हुई है। चर्चा का केंद्रीय बिंदु रहा दोनों देशों के बीच का पुराना सीमा विवाद और इस विवाद में नेपाल की स्थिति को लेकर वहां की सरकार का अचानक आक्रामक हो जाना। यहां तक कि नेपाल सरकार ने विवादित इलाकों को अपनी सीमा में दिखाने वाले नए नक्शे आधिकारिक रूप से जारी करने के लिए देश की संसद में एक विधेयक लाने की भी तैयारी कर ली थी। लेकिन आखिरकार संवैधानिक संशोधन वाले इस विधेयक को रोक दिया गया है।
कई समीक्षक इसे इस प्रकरण का अंत मान रहे हैं और कह रहे हैं कि विधेयक को रोक कर नेपाल सरकार ने एक कदम पीछे ले लिया है. उनका कहना है कि सीमा-विवाद तो वहीं है जहां पहले से था, पर पहले से ही चल रहे उसे सुलझाने के प्रयासों को हाल की आक्रामकता से छुटकारा मिल गया है। कई जानकार नेपाल के रवैये में आई इस आक्रामकता को मोदी सरकार की नेपाल नीति की विफलता मान रहे हैं।लेकिन नेपाल की अंदरूनी राजनीति को समझने वाले कुछ समीक्षकों का मानना है कि इस पूरे प्रकरण के पीछे नेपाल की राजनीति के अंदरूनी दाव-पेंच की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।