जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के मुद्दे पर लगातार चौथी बार चीन (China) ने भारत को चेक मेट करते हुए पाकिस्तान से अपनी दोस्ती निभाई है। हर बार की तरह इस बार भी मसूद को बचाने के लिए चीन (China) ने वीटो का इस्तेमाल किया है। इतना ही नहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी पर भी वो ऐसे ही अड़ंगे लगाता रहा है।
सुनिए संजीव श्रीवास्तव की टिप्पणीः
ऐसा नहीं है कि चीन सिर्फ हमें वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान का हामी बन नुकसान पहुंचाता है। दक्षिण एशिया में भी उसकी हर मुमकिन कोशिश हमें घेरने की रहती है और शनैः शनैः बीजिंग अपना वर्चस्व हमारे पड़ोसी देशों में बढ़ा रहा है। नेपाल, श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश और यहां तक भूटान में भी चीन हमारे सामरिक हितों पर चोट कर रहा है। समय आ गया है कि भारत भी कुछ ऐसी रणनीति अपनाए जिससे चीन (China) को अपनी इस भारत विरोधी नीति की कुछ कीमत अदा करनी पड़े। जाहिर है ऐसा करना आसान नहीं है। लेकिन असंभव मान इस दिशा में प्रयास भी नहीं करना भारत की भारी भूल साबित होगी।
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